विदेश मंत्री जयशंकर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात कर सकते हैं ऐसी संभावना जताई जा रही है। यह यात्रा राजनीतिक तौर पर काफी खास होगी क्योंकि पेरिस और नई दिल्ली प्रमुख रणनीतिक साझेदार हैं। वहीं फ्रांस सुरक्षा परिषद का एकमात्र स्थायी सदस्य है जिसका भारत के विरोधियों पाकिस्तान और चीन के साथ रक्षा संबंध नहीं है। रीयूनियन द्वीप के रूप में भारत-प्रशांत क्षेत्र में फ्रांस की उपस्थिति है और यह यूक्रेन विवाद में भी एक महत्वपूर्ण शांतिदूत की भूमिका निभाने जा रहा है, हाल ही मैक्रों ने स्थिति को शांत करने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत की है।