कुशीनगर जनपद के चर्चित विधानसभा तमकुहीराज की राजनीति यहां के भौगोलिक स्थिति के तरह है, यहां चुनाव में मतदाता अपने निर्णय से सबकों अचंभित करता रहा है। तमकुहीराज विधानसभा क्षेत्र दो तरफ से बड़ी गण्डक नदी से घिरी है तो एक ओर बिहार प्रान्त से सीधे जुड़ा है। यहां की मुख्य समस्या गण्डक, गन्ना और गरीबी है, तो यह पिछड़े क्षेत्र के तौर पर भी जाना जाता है।
यहां गरीबी मतलब ग्रामीण क्षेत्रों में अशिक्षा अधिक है। गण्डक की तबाही के साथ यहां के जनता के मन में जो बैठ गया वह उसी पर अडिग रहते है। सरकार किसी की हो, उन्हें चाहे सुबिधा कोई कितना भी दिला दे, वे करते वही है, जो उनके मन में है। क्षेत्र के दूसरे हिस्से में सभी दलों के प्रत्याशी मजबूती से लड़ते है, लेकिन जब नदी व बिहार प्रान्त के सीमा पर बसे गांवों के बूथ खुलते है, तो चुनाव के सारे समीकरण ध्वस्त हो जाते हैं।
यही कारण है कि नदी में बाढ़ आये न आये लगभग दलों के नेता हर सप्ताह इस क्षेत्र में एक चक्कर लगाना नहीं भूलते। इस चुनाव में भी कुछ ऐसा ही होता दिख रहा। लगातार दो बार कांग्रेस के साथ खड़े दियरा के मतदाताओं ने पिछले दो चुनाव से कांग्रेस के अजय कुमार लल्लू के साथ रहा तो वे जीत रहे थे। अजय कुमार लल्लू को दियरा क्षेत्र के मतदाताओं पर पूरा भरोसा था, लेकिन दियरा क्षेत्र के जनता ने भाजपा पर भरोसा कर अपना मन जैसे ही बदला कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार लल्लू का अजेय किला ढह गया।