कुशीनगर लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र स्थित शहीद पथ पर बुधवार को हादसा हो गया। जहां सुबह तेज रफ्तार डंपर की टक्कर से हुयी कुशीनगर के तीन कार सवार दोस्तों की दर्दनाक मौत। तीनों के परिवार शायद उससे कभी न उबर सकेंगे। क्योकि इस हादसे ने एक परिवार का सहारा तो दूसरे का देश के लिए क्रिकेट खेलने का आरमान एक झटके में खत्म कर दिया। अब एक बेटे पर था बीमार बाप के साथ पुरे परिवार का जिम्मा, दूसरे का सपना था देश के लिए खेले क्रिकेट,तीसरा संभाल रहा था पिता का कारोबार। तीनों की मौत से इलाके में शोक की लहर है।
परिवार का जिम्मा
जानकारी के मुताबिक कुशीनगर जिले के ये तीनों दोस्त एक साथ बुद्धा इंटरमीडिएट कॉलेज कुशीनगर से इण्टर पास कर अपने अपने घरों के आवश्यकता के अनुसार जिन्दगी का सफर शुरू किए। कसया स्थित सबया निवासी मृतक आकाश कुशवाहा के पिता पहले अरब देश में काम करते थे पर दो साल पहले पिता फालिस के शिकार हो गए जिसके बाद पिता की दवाई और छोटे भाई की पढ़ाई के साथ परिवार का जिम्मा आकाश पर आ गया। परिवार की मजबूरी को देखते हुय इसने फैजाबाद स्थित टोलप्लाजा पर काम कर घर संभालता था। किसी निजी काम से लखनऊ जाना था।आकाश ने अपने दोस्तों के साथ लखनऊ जाने के लिए निकला था।
किक्रेटर बनने का सपना
तीसरा दोस्त नितेश दो भाई और एक बहन में सबसे बड़ा था इसके पिता एक प्राइवेट स्कूल में बच्चों को पढ़ा कर अपने गांव सिकटा से दूर बेटे के क्रिकेटर बनने के सपने को पूरा कराने के लिए कसया किराए के मकान में रहते थे। नितेश क्रिकेट एकेडमी कसया में रहकर अपनी तैयारी करता ताकि वह 1 दिन भारत देश के लिए क्रिकेट खेल सके। नितेश लखनऊ अपने खेल से संबंधित किसी काम से जाना था। इसलिए वह अपने दोनों दोस्तो के साथ निकल लिया। तीनों दोस्त लखनऊ पहुंचे थे।
गाड़ी को काटकर पुलिस ने निकाला बाहर
पुलिस ने बड़ी मुश्किल से तीनों को गैस कटर से गाड़ी काट बाहर निकाला और अस्पताल ले गए लेकिन डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया। एक झटके में ही तीनों परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हो गया। परिजन बच्चों के शव को लाने के लिए लखनऊ के लिए चले गए। तीनों मृतक अपने परिवार के बड़े बेटे थे। आकाश कुशवाहा के परिवार का एकमात्र कमाऊ बेटा काल के गाल में समा गया। बीमार बाप, बेबस मां के साथ छोटे भाई को अकेला कर उनकी दुनिया को अलविदा कह दिया।
पुलिस ने परिजनों को सूचना दी
गाड़ी के रजिस्ट्रेशन की मदद से पुलिस ने इनके परिजनों को सूचना दी। नितेश के पिता ने हमसे बात करते हुए दुखद शब्दों में कहा तीनो अपने काम को करने लखनऊ जाने वाले थे. एक शहर में तीनो का काम जान तीनो एक साथ एक कार से निकल गये पर उन्हें क्या पता था की वह सफर उनकी दोस्ती और जिन्दगी का आखरी सफर है . तीनों के परिवारों इन बच्चों से बहुत उम्मीदें रखी थी मैंने तो अपनी जिंदगी को पूरी कमाई अपने बेटे के सपने को पूरा करने में लगाया पर हमें क्या पता वह हमारे लिए ही सपना हो जाएगा।