बिहार की 5 सीटों के लिए होने वाले राज्यसभा चुनाव की प्रक्रिया समाप्त हो गई है। इस 5 सीटों के चुनाव के लिए पांच उम्मीदवार अलग-अलग पार्टियों से उतारे गए थे। सारे उम्मीदवारों ने अपना नामांकन भरा। सभी नामांकनों की स्क्रूटनी की गई जिसमें सभी वैध पाए गए। उसके बाद सभी उम्मीदवार निर्वाचित हो गए हैं। राज्यसभा के 5 सीटों के लिए भाजपा ने 2 उम्मीदवार उतारे थे, जदयू ने एक उम्मीदवार उतारा था और आरजेडी ने 2 उम्मीदवार उतारे थे। इन सभी पांचों उम्मीदवारों का निर्वाचन निर्विरोध कर लिया गया है।
सभी दलों के उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित
बताते चलें कि भाजपा ने अपने पुराने राज्यसभा सदस्य सतीश चंद्र दुबे को मैदान में उतारा था। इसके साथ ही एक नए चेहरे शंभू शरण पटेल को उम्मीदवार बनाया था। दोनों का निर्वाचन निर्विरोध हो गया है। वहीं, जेडीयू के तरफ से झारखंड के जदयू प्रदेश अध्यक्ष खीरू महतो को उम्मीदवार बनाया गया था, उनका भी निर्वाचन निर्विरोध कर लिया गया है। आरजेडी के तरफ से लालू यादव की बेटी मीसा भारती एक बार फिर से मैदान में उतारा गया, इसके अलावा एक उम्मीदवार अल्पसंख्यक चेहरे के तौर पर फैयाज अहमद को उम्मीदवार बनाया गया था। दोनों आरजेडी उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित कर लिए गए हैं। सभी उम्मीदवारों को निर्वाचन का सर्टिफिकेट दे दिया गया है।
केंद्रीय मंत्री आरसीपी का टिकट काटकर दिया गया था खीरु महतो को
राज्यसभा की 5 सीटों के लिए होने वाले चुनाव में सभी की निगाहें केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह पर थी। आरसीपी सिंह जदयू कोटे से राज्यसभा के सांसद थे। उसी के तहत वह केंद्र में इस्पात मंत्री भी है। लेकिन, जदयू ने उनका टिकट काटकर झारखंड के खीरू महतो को दे दिया। अभी फिलहाल आरसीपी सिंह ना तो लोकसभा और ना ही राज्यसभा के सदस्य हैं। हालांकि उनका कार्यकाल जुलाई तक है वह केंद्र में जुलाई तक मंत्री बने रह सकते हैं।
वहीं, भाजपा की तरफ से वरिष्ठ नेता गोपाल नारायण सिंह का टिकट काटकर धानुक समुदाय से आने वाले शंभू शरण पटेल को देखकर भाजपा ने मैसेज दिया कि अब भाजपा अगले 20-25 सालों की राजनीति की रणनीति बना रही है। हालांकि आरजेडी से मिसा भारती और भाजपा से सतीश चंद दुबे पुराने चेहरे हैं। उन्हें फिर से रिपीट किया गया है। पांचवी सीट की बात करें तो यह सीट शरद यादव की खाली हुई थी जिस पर फयाज अहमद को आरजेडी ने राज्यसभा भेजा है।