नई दिल्ली, 19 जुलाई 2025 — ऑनलाइन सट्टेबाजी के खिलाफ चल रही बड़ी कार्रवाई के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अब गूगल और मेटा जैसे दिग्गज टेक कंपनियों को शिकंजे में लिया है। ईडी ने इन दोनों कंपनियों को नोटिस जारी कर 21 जुलाई को पूछताछ के लिए तलब किया है। आरोप है कि इन प्लेटफॉर्म्स ने सट्टेबाजी ऐप्स और उनकी वेबसाइट्स को प्रमोट किया और इन्हें अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर प्रमुखता दी।
क्या है मामला?
सूत्रों के मुताबिक, गूगल और मेटा ने न सिर्फ इन अवैध सट्टेबाजी ऐप्स को बढ़ावा दिया, बल्कि इनके विज्ञापनों और वेबसाइट्स को अपने प्लेटफॉर्म पर जगह देकर लाखों यूज़र्स तक पहुँचने में मदद की। अब ED इस बात की जांच कर रही है कि इन टेक कंपनियों की भूमिका महज़ विज्ञापन देने तक सीमित थी या उन्हें इस नेटवर्क की गहराई की जानकारी भी थी।
पहली बार बड़ी टेक कंपनियों पर सीधा एक्शन
यह पहली बार है जब भारत में ऑपरेट कर रही किसी मल्टीनेशनल टेक कंपनी को ऑनलाइन सट्टेबाजी जैसे आपराधिक मामले में सीधे तौर पर जवाबदेह ठहराया जा रहा है। ईडी की इस कार्रवाई से साफ है कि अब जांच एजेंसियां सिर्फ ऐप्स और प्रमोटरों तक सीमित नहीं रहना चाहतीं, बल्कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की भूमिका को भी गंभीरता से ले रही हैं।
‘स्किल गेम’ की आड़ में चल रहा करोड़ों का सट्टा
ED की जांच में सामने आया है कि कई सट्टेबाजी ऐप्स खुद को ‘स्किल बेस्ड गेम’ बताकर भारत में गैरकानूनी तरीके से कारोबार कर रही हैं। इन ऐप्स के जरिए करोड़ों रुपये की अवैध कमाई की गई है, जिसे हवाला नेटवर्क के जरिए बाहर भेजा गया।
कई सेलिब्रिटीज भी घेरे में
ED ने हाल ही में 29 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिनमें प्रसिद्ध अभिनेता प्रकाश राज, राणा दग्गुबाती और विजय देवरकोंडा जैसे नाम शामिल हैं। इन पर आरोप है कि उन्होंने अवैध बेटिंग ऐप्स का प्रचार किया और बदले में मोटी रकम ली।
अब क्या होगा?
गूगल और मेटा को 21 जुलाई को पेश होकर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी। यदि जांच में इन पर आरोप सिद्ध होते हैं, तो यह मामला देश में डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की जवाबदेही और विज्ञापन नियमन को लेकर एक नया मोड़ ले सकता है।
बड़ा सवाल ये है — क्या डिजिटल दिग्गज भी अब कानून की जद में आएंगे? ED की यह पूछताछ आने वाले वक्त में कई और चौंकाने वाले खुलासे ला सकती है।