नई दिल्ली, 14 जुलाई 2025:
भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) में गिरावट का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते सप्ताह बड़ी गिरावट के बाद सोमवार को भी बाजार ने निराशाजनक शुरुआत की। सेंसेक्स और निफ्टी (Sensex-Nifty) दोनों ही प्रमुख सूचकांकों में भारी गिरावट देखी गई, जिसमें आईटी सेक्टर के दिग्गज शेयरों ने सबसे ज्यादा दबाव डाला। सोमवार दोपहर तक BSE सेंसेक्स 450 अंक से ज्यादा लुढ़क गया, जबकि NSE निफ्टी 148 अंक गिरकर कारोबार करता नजर आया।
खुलते ही फिसले बाजार के कदम
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स इंडेक्स अपने पिछले क्लोजिंग 82,500.47 के मुकाबले हल्की बढ़त के साथ 82,537.87 पर खुला। लेकिन यह बढ़त ज्यादा देर टिक नहीं पाई और कुछ ही मिनटों में सेंसेक्स रेड जोन में चला गया। दिन चढ़ने के साथ गिरावट और तेज हो गई और दोपहर 2 बजे तक यह इंडेक्स 450 अंक गिरकर 82,010.38 के स्तर पर कारोबार कर रहा था।
वहीं, एनएसई निफ्टी भी पिछले बंद 25,149.85 के मुकाबले फ्लैट ओपनिंग के साथ 25,149.50 पर खुला था। इसके बाद इसमें भी तेजी से गिरावट आई और यह 148 अंक टूटकर 25,001.95 पर कारोबार करता दिखा।
IT सेक्टर में सबसे ज्यादा नुकसान
इस गिरते बाजार में सबसे बड़ा दबाव आईटी सेक्टर से आया। Tech Mahindra, Infosys और TCS जैसे दिग्गज शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। खबर लिखे जाने तक BSE लार्जकैप इंडेक्स में Tech Mahindra के शेयर 2.50% तक लुढ़के, वहीं Infosys में 2.10% और TCS में 1.70% की गिरावट दर्ज की गई। HCL Tech भी 1.50% टूट गया।
सुबह की शुरुआत में मिले-जुले ग्लोबल संकेतों के चलते जहां 1228 शेयरों ने पॉजिटिव शुरुआत की, वहीं 1274 कंपनियों के शेयर पिछले क्लोज से नीचे खुले। 202 शेयरों में कोई खास बदलाव नहीं हुआ।
इन 10 प्रमुख स्टॉक्स में भी आई गिरावट
गिरावट की लिस्ट में अन्य लार्जकैप शेयरों की बात करें तो Asian Paints 1.90%, Bajaj Finance 1.50%, Larsen & Toubro (L&T) 1.45% और Tata Motors 1.20% टूटकर ट्रेड कर रहे थे।
मिडकैप कैटेगरी में AU Small Finance Bank 2.29%, IDFC First Bank 2.05%, GlaxoSmithKline 1.80% और Bharti Hexacom 1.77% नीचे आए।
स्मॉलकैप शेयरों में GEPIL 7.28% और Honda Power 4.99% की भारी गिरावट में कारोबार कर रहे थे।
आखिर क्यों नहीं थम रही बाजार की गिरावट?
भारतीय बाजार में बनी यह नकारात्मकता कई वैश्विक और घरेलू कारकों का परिणाम है। सबसे अहम वजह है — अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा लगाए गए नए टैरिफ, जो 1 अगस्त 2025 से लागू होंगे। इसने ग्लोबल इन्वेस्टर्स में चिंता पैदा कर दी है। भारत के लिए फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि वह टैरिफ लिस्ट में शामिल होगा या नहीं, क्योंकि India-US Trade Deal पर अब तक अंतिम फैसला नहीं हुआ है।
इसके साथ ही, भारतीय कंपनियों की Q1 Earnings Reports (पहली तिमाही के नतीजे) आने लगे हैं, जिनके शुरुआती संकेत बाजार को प्रभावित कर रहे हैं। अगर नतीजे उम्मीद से कमजोर रहे, तो बाजार पर और दबाव आ सकता है।
शेयर बाजार की मौजूदा हालत अस्थिर बनी हुई है। कमजोर वैश्विक संकेत, भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता और आईटी सेक्टर में कमजोरी— ये सभी मिलकर बाजार को गिरावट की ओर धकेल रहे हैं। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि किसी भी निवेश निर्णय से पहले अपने वित्तीय सलाहकार या मार्केट एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।